शादी और संभोग का एक दुसरे से गहरा संबंग्ध है लेकिन सम्भोग इच्छा हमेशा
शादी और संभोग का एक दुसरे से गहरा संबंग्ध है लेकिन सम्भोग इच्छा हमेशा
शादी और संभोग का एक दुसरे से गहरा संबंग्ध है लेकिन सम्भोग इच्छा हमेशा रहे या पति पत्नी के मध्य परस्पर सम्बन्ध बना रहे ऐसा होना मुमकिन नहीं है लेकिन कभी सोचा है जब पति पत्नी के परस्पर सम्बन्ध खत्म होने लगता है तो क्या होता हैशादी के तीन साल हो चुके थे। एक दिन पत्नी के मन में अचानक ख्याल आया, "क्या होगा अगर मैं अपने पति को छोड़कर चली जाऊं? उसका रिएक्शन कैसा होगा? फिर वह क्या करेगा?"
इस विचार को परखने के लिए उसने अपने पति की परीक्षा लेने की ठानी। उसने एक चिट्ठी लिखी:
शादी और संभोग का एक दुसरे से गहरा संबंग्ध है लेकिन सम्भोग इच्छा हमेशा
"मैं तुम्हारे साथ रहकर बोर हो गई हूं। मुझे इस गृहस्थी से अब कोई लगाव नहीं है। मैं तुम्हारे साथ एक पल भी नहीं रह सकती। इसलिए, मैं तुम्हें और इस घर को छोड़कर हमेशा के लिए जा रही हूँ।"
चिट्ठी को टेबल पर रखकर वह खुद बेड के नीचे जाकर छुप गई, यह देखने के लिए कि उसका पति क्या करता है।
थोड़ी देर बाद पति ऑफिस से घर लौटा। उसने देखा कि घर में पत्नी कहीं नहीं है। उसकी नजर टेबल पर रखी चिट्ठी पर पड़ी। चिट्ठी पढ़ने के बाद वह कुछ देर शांत खड़ा रहा। फिर उसने चिट्ठी के पीछे कुछ लिखा, मोबाइल में गाना बजाया और जोर-जोर से नाचने लगा।
उसने अपने कपड़े बदले और एक फोन कॉल किया। वह कह रहा था, "मैं आज आज़ाद हो गया हूँ! मेरी बीवी को आखिरकार एहसास हो गया कि वह मेरे काबिल नहीं थी। अब वह चली गई है, और मैं आजाद हूँ। मैं तुमसे तुरंत मिलना चाहता हूँ। सामने वाले बगीचे में आओ।"
यह सब सुनकर पत्नी की आँखों से आँसू बहने लगे। वह बेड के नीचे से बाहर निकली, हाथ कांपते हुए चिट्ठी उठाई और पढ़ी। उसमें लिखा था:
**"अरे पगलेट! तुम्हें तो ठीक से छुपना भी नहीं आता। तुम्हारे पैर बेड के नीचे से साफ दिख रहे हैं। जल्दी से गरमा गरम चाय बनाओ, मैं सामने की दुकान से बिस्किट लेकर आता हूँ।"**
आगे लिखा था:
**"मेरे जीवन में खुशी तुम्हारे आने से है। आधी खुशी तुम्हें सताने में है और आधी तुम्हें मनाने में। आखिरकार, लास्ट में तो हम दोनों ही साथ रहेंगे ना!
कभी हम झगड़ेंगे, कभी एक-दूसरे की टांग खींचेंगे। लेकिन आखिरी तक, जब भी चश्मे गुम होंगे, या घुटनों में दर्द बढ़ेगा, हम दोनों ही एक-दूसरे के साथी होंगे।
जब तक जिंदगी है, एक-दूसरे को रूठने-मनाने, नाखून काटने, और एक-दूसरे को चिढ़ाने के लिए, सिर्फ हम दोनों ही रहेंगे।"**
यह पढ़कर पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उसे एहसास हुआ कि उसका पति उससे कितना प्यार करता है। उसकी यह परीक्षा उसे यह सिखा गई कि सच्चा प्यार छोटे-छोटे पलों और एक-दूसरे के लिए समर्पण में छिपा होता है।

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